तुम मिली तो लगा,
सूरज में भी नमी है.
तुम हंसी तो जाना,
काँटों में भी जिंदगी है.
मगर जब दिल तोडा तुमने,
तब समझा क्यों चाँद,
पे आक्सीजन की कमी है?
परमीत सिंह धुरंधर
तुम मिली तो लगा,
सूरज में भी नमी है.
तुम हंसी तो जाना,
काँटों में भी जिंदगी है.
मगर जब दिल तोडा तुमने,
तब समझा क्यों चाँद,
पे आक्सीजन की कमी है?
परमीत सिंह धुरंधर