हम बिहारियों की बातें,
ही कुछ अलग है.
कुछ भी नहीं है जीवन में,
पर घमंड बहुत है.
हम भगवान् शिव के ऐसे,
अनन्य भक्त हैं.
जिन्हे अमृत नहीं,
विष पीने की सनक है.
कितनों ने कोशिश की है,
हमें तोड़ने की.
वो जाने किस भीड़ में खो गए,
और हम आज भी अटल हैं.
कितनो ने हमें गवार कहा,
कितनो ने हमारा त्रिस्कार किया,
पर जीवन के संघर्ष में हम प्रथम है.
परमीत सिंह धुरंधर