हुस्न से बड़ा कोई फरेब नहीं,
और इश्क़ से बड़ा कोई एब नहीं।
जो निकल जाते हैं इन दोनों से बचकर,
उनसे बड़ा कोई सेठ नहीं।
परमीत सिंह धुरंधर
हुस्न से बड़ा कोई फरेब नहीं,
और इश्क़ से बड़ा कोई एब नहीं।
जो निकल जाते हैं इन दोनों से बचकर,
उनसे बड़ा कोई सेठ नहीं।
परमीत सिंह धुरंधर