सुन लो ए VC जी,
बाँध लो खटिया और हो जाओ तैयार जी.
जब छिड़ गयी है जंग तो भीषण होगी,
तांडव होगा शिव का और बिनाश भी.
कल तक चुप थे ये थी गलती हमारी,
अब ना सहेंगें तुम्हारे तुगलकी फरमान जी.
ये धरती है बुद्ध और महावीर की,
ये धरती है सीता और गुरु गोबिंद की.
प्राणों पे खेल कर इसे संवारा है,
ना फैलने देंगे अधर्म और पाप जी.
परमीत सिंह धुरंधर