प्रेम में मेरा प्रुस्कार देखिये,
मेरी तन्हाई और उनका श्रृंगार देखिये।
एक भी दूकान नहीं ऐसा जो मुझे रासन दे,
और उनका गर्म बाजार देखिये।
परमीत सिंह धुरंधर
प्रेम में मेरा प्रुस्कार देखिये,
मेरी तन्हाई और उनका श्रृंगार देखिये।
एक भी दूकान नहीं ऐसा जो मुझे रासन दे,
और उनका गर्म बाजार देखिये।
परमीत सिंह धुरंधर