लचक होनी चाहिए जिंदगी में पतंगों सी,
दूर तक सफर करती हैं, कट के भी.
आसमाँ को छूने की ललक इतनी है,
की हवाओं का जोर जितना,
उतना ही ऊंचा हैं उठती।
परमीत सिंह धुरंधर
लचक होनी चाहिए जिंदगी में पतंगों सी,
दूर तक सफर करती हैं, कट के भी.
आसमाँ को छूने की ललक इतनी है,
की हवाओं का जोर जितना,
उतना ही ऊंचा हैं उठती।
परमीत सिंह धुरंधर
khubsurat.
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Sukriya Madhusudan Jee
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