पीया हो गइलन परदेश के गुलाम हो,
तनी मोदी जी गांव के भी करि विकास हो.
कट त जाला जेठ और आषाढ़,
पर मोदी जी अकेले ना कटे इ माघ हो.
तनी मोदी जी गांव के भी करि विकास हो.
दुआरा – अंगना, खेत – खलिहान,
हम सब कर लेवेनि।
सास – ससुर, गाय – बैल,
हम सब देख लेवेनि।
पर मोदी जी सेजिया के चोट ना सहात हो.
तनी मोदी जी गांव के भी करि विकास हो.
परमीत सिंह धुरंधर