हर ख्वाब के टूटने पर
एक समंदर बनता है.
कोई बहा देता है आँखों से
कोई दिल के अंदर रखता है.
मोहब्बत तो बस एक दरिया है
कोई डूब-डूब के पीता है
और कोई पी – पी के डूबता है.
परमीत सिंह धुरंधर
हर ख्वाब के टूटने पर
एक समंदर बनता है.
कोई बहा देता है आँखों से
कोई दिल के अंदर रखता है.
मोहब्बत तो बस एक दरिया है
कोई डूब-डूब के पीता है
और कोई पी – पी के डूबता है.
परमीत सिंह धुरंधर
वाहः क्या खूब लिखा है👏
LikeLiked by 1 person
Sukriya Preeya Negi jee….!!
LikeLiked by 1 person