मोहब्बत में सभी ने
बस राम का नाम लिखा है.
पिता के प्रेम में
जो वन चले गए.
पत्नी के प्रेम में
सागर बाँध गए.
भाई के प्रेम में
जो विकल उठे.
और प्रजा के प्रेम में
विरह में जल गए.
मोहब्बत में सभी ने
बस राम का नाम लिखा है.
गुरु के आदेश पे
शिव-धनुष तोड़ दिया।
पत्नी के आदेश पे
एक – पत्नी -व्रत का निर्वाह किया।
माँ के आदेश पे
अपना हक़ छोड़ दिया।
दोस्त की याचना पे
कलंक को शिरोधार्य किया।
मोहब्बत में सभी ने
बस राम का नाम लिखा है.
परमीत सिंह धुरंधर