दुकानों पे दुकानदार होते हैं
वस्तुओं के खरीदार होते हैं
जो रिश्ते निभा दे इस जीवन में
वही रिश्तेदार होते हैं.
बुढ़ापे में तो हर किसी के कष्ट है
जिनकी जवानी में कष्ट हो
वही गुनाहगार होते हैं.
धन्य हैं वो माता – पिता
जिनके बच्चे समझदार होते हैं.
मकानों में किरायेदार होते हैं
रातों के पहरेदार होते हैं
हुस्न से क्या रखते हो उम्मीदें
ये बस एक रात के वफादार होते हैं.
परमीत सिंह धुरंधर
बहुत खूब सर
👌👌👌👌👌
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bas aap logo kaa saath milta rahe. Sukriya for nice comments.
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