मृग से चंचल नयन तेरे
हम तोमर जिसकी प्यास रखते हैं.
हे मृगनयनी,
हम से क्या पूछती हो हमारा परिचय?
तोमर अपने पीछे अपना इतिहास रखते हैं.
बलखाती तुम्हारी कमर,
कहीं मोच ना खा जाए
अतः हे मृगनयनी
तोमर अपने ह्रदय में तुम्हे रखना चाहते हैं.
Dedicated to the Rajput queen Mrignayani.
परमीत सिंह धुरंधर