हर किसी की मोहब्बत में ख्वाइशें नहीं होती
बिस्तर तो होती है पर सिलवटे नहीं होती।
क्या संभाले कोई जिंदगी को ?
सँभालने से जिंदगी की पूरी जरूरतें नहीं होती।
शिकायतें बढ़ती जा रही हैं उसकी
हर रात जिंदगी के साथ.
अब चाँद कहने और चुम्बनों से
दूर उनकी शिकायतें नहीं होती।
परमीत सिंह धुरंधर