प्रेम है अगर तो आलिंगन होना चाहिए
अधर कुंवारे हो या विवाहित हों
अधरों का चुम्बन होना चाहिए।
भूल जाइये की क्या है वेदों में लिखा?
अब वेदों का पठन -पाठन रुकना चाहिए।
हम तय करेंगें की वेदों का
कितना मान होना चाहिए?
फूटते हैं जो पठाखे दिवाली पे
बस वो ही कानों को कर्कश लगते हैं
अब राम की वन्दना भी मूक – कंठ होना चाहिए।
और व्याख्या है यही हिन्द के विधान की
हम जिसे कह दे वही बस सेक्युलर होना चाहिए।
परमीत सिंह धुरंधर