हम भी जवानी में जिगर रखते थे
अब बस तेरी यादें हैं, तेरी खतों के सहारे।
कभी हौसला हमारा भी था तूफानों से टकराने का
अब सीने में तूफ़ान रखते हैं, तेरी यादों के सहारे।
परमीत सिंह धुरंधर
हम भी जवानी में जिगर रखते थे
अब बस तेरी यादें हैं, तेरी खतों के सहारे।
कभी हौसला हमारा भी था तूफानों से टकराने का
अब सीने में तूफ़ान रखते हैं, तेरी यादों के सहारे।
परमीत सिंह धुरंधर