हौसलों की कमी न थी
पर शायद मुझमें चालाकी न थी.
मेरी किश्ती डूबी उन किनारों पे
जहाँ लहरों की ख्वाइस भी ऐसी न थी.
परमीत सिंह धुरंधर
हौसलों की कमी न थी
पर शायद मुझमें चालाकी न थी.
मेरी किश्ती डूबी उन किनारों पे
जहाँ लहरों की ख्वाइस भी ऐसी न थी.
परमीत सिंह धुरंधर