हमसे क्या पूछते हो पता शहर में?
हमें खुद नहीं पता की है हम किस शहर में.
बस जुबान छोड़ के मेरा
बाकी सब कुछ बदल दिया इस शहर ने.
भटकते रहते हैं जाने किसकी खोज में
ये भी नहीं पता की आये थे कहाँ से इस शहर में?
परमीत सिंह धुरंधर
हमसे क्या पूछते हो पता शहर में?
हमें खुद नहीं पता की है हम किस शहर में.
बस जुबान छोड़ के मेरा
बाकी सब कुछ बदल दिया इस शहर ने.
भटकते रहते हैं जाने किसकी खोज में
ये भी नहीं पता की आये थे कहाँ से इस शहर में?
परमीत सिंह धुरंधर