ए दोस्त
दुश्मनों को बता दो
शहर में कोई नया आ गया है.
ये रंगत, ये लज्जत
ये नजाकत
अरे, पूरा – का – पूरा
एक जन्नत आ गया है.
परमीत सिंह धुरंधर
ए दोस्त
दुश्मनों को बता दो
शहर में कोई नया आ गया है.
ये रंगत, ये लज्जत
ये नजाकत
अरे, पूरा – का – पूरा
एक जन्नत आ गया है.
परमीत सिंह धुरंधर