मेरे नैनों के बस दो तीर चले थे
और लोट गया चरणों में वो सिकंदर।
सुना था बड़ा वीर है Crassa
समझता है जो खुद को कलंदर।
बस चोली के दो बटन ही खोले थे
और फंस गया वो छपरा का धुरंधर।
परमीत सिंह धुरंधर
मेरे नैनों के बस दो तीर चले थे
और लोट गया चरणों में वो सिकंदर।
सुना था बड़ा वीर है Crassa
समझता है जो खुद को कलंदर।
बस चोली के दो बटन ही खोले थे
और फंस गया वो छपरा का धुरंधर।
परमीत सिंह धुरंधर