सुनहरी तस्वीरें सुनहरी ही रहेंगी,
तू मेरी न सही, पर किसी की तो बनेगी।
सिख ले तू किसी से वफ़ा थोड़ी सी कभी
कब तक यूँ तितली बनकर उड़ती रहेगी?
तोड़ना – उजाड़ना लड़कपन का है खेल
दूसरे के दर्द पर तब तक तू इठलाती रहेगी।
बांध ले खुद को किसी के मोहब्बत में
कब तक जवानी अपनी लुटाती रहेगी।
परमीत सिंह धुरंधर