कण – कण में व्याप्त है श्रीराम
चाहे अयोध्या हो या अंडमान।
मंदिर बने या ना बने
जयकारों में गूँजते रहेंगे श्रीराम।
भूमण्डल के हर कोने – कोने मे
जन – जन के ह्रदय में है श्रीराम।
परमीत सिंह धुरंधर
कण – कण में व्याप्त है श्रीराम
चाहे अयोध्या हो या अंडमान।
मंदिर बने या ना बने
जयकारों में गूँजते रहेंगे श्रीराम।
भूमण्डल के हर कोने – कोने मे
जन – जन के ह्रदय में है श्रीराम।
परमीत सिंह धुरंधर