पतली कमर पे तीखी नजर लेकर
क्या करोगी रानी?
छमक – छमक के चलती हो
कहाँ बिजली गिराओगी रानी?
प्यासे- प्यासे कब से है हम
अधरों से दो बूंदें कब छलकावोगी रानी?
परमीत सिंह धुरंधर
पतली कमर पे तीखी नजर लेकर
क्या करोगी रानी?
छमक – छमक के चलती हो
कहाँ बिजली गिराओगी रानी?
प्यासे- प्यासे कब से है हम
अधरों से दो बूंदें कब छलकावोगी रानी?
परमीत सिंह धुरंधर