जीत-हार तो श्रीकृष्ण के हाथ है
फिर कर्म को किस्मत से क्यों बांधा जाए?
तू भी है राणा का बंसज
फेंक जहाँ तक भाला जाए.
Last two lines (तू भी है राणा का बंसज. फेंक जहाँ तक भाला जाए. ) were written by Dr. Kumar Vishwas.
परमीत सिंह धुरंधर
जीत-हार तो श्रीकृष्ण के हाथ है
फिर कर्म को किस्मत से क्यों बांधा जाए?
तू भी है राणा का बंसज
फेंक जहाँ तक भाला जाए.
Last two lines (तू भी है राणा का बंसज. फेंक जहाँ तक भाला जाए. ) were written by Dr. Kumar Vishwas.
परमीत सिंह धुरंधर