इन आँखों में
नशा है
हया है
वफ़ा है
मगर सनम
ये आँखें बेवफा हैं.
कातिल हैं, कुटिल हैं
चतुर हैं, निपुण हैं
इनमे स्वर्ग की आभा है.
मगर सनम
ये आँखें बेवफा हैं.
परमीत सिंह धुरंधर
इन आँखों में
नशा है
हया है
वफ़ा है
मगर सनम
ये आँखें बेवफा हैं.
कातिल हैं, कुटिल हैं
चतुर हैं, निपुण हैं
इनमे स्वर्ग की आभा है.
मगर सनम
ये आँखें बेवफा हैं.
परमीत सिंह धुरंधर