ऐसे हमसे ना
टकराना बलम
बाली उम्र है
मैं मचल जाउंगी।
दूर से यूँ ही बस
मिलाना नजर
बाली उम्र है
मैं बहक जाउंगी।
रोज सोती नहीं है
मेरी माँ यही सोचकर
की कब और कहाँ?
मैं फिसल जाउंगी।
माँ नहीं जानती की मेरे दिल में
है वो छपरा का धुरंधर
जिसके साथ एक दिन
मैं डोली चढ़ जाउंगी।