जो नजर में आ जाए वो ही नजाकत है
बाकी सब तो परदे के पीछे एक सियासत है.
उनका पर्दा है ए जमाना तुम्हारे लिए
मेरी बाहों में तो हर रात पिघलता क़यामत है.
परमीत सिंह धुरंधर
जो नजर में आ जाए वो ही नजाकत है
बाकी सब तो परदे के पीछे एक सियासत है.
उनका पर्दा है ए जमाना तुम्हारे लिए
मेरी बाहों में तो हर रात पिघलता क़यामत है.
परमीत सिंह धुरंधर