किसको मैं प्यार करूँ?
ये दिल तू ही बता
वो हर रात थोड़ी – थोड़ी
मुझसे दूर जा रही हैं.
कोई और भी तो नहीं है
जो मेरी नशों में ऐसा रास घोले
वो तो अब इन नशों में
उतरने से इंकार कर रही हैं.
परमीत सिंह धुरंधर
किसको मैं प्यार करूँ?
ये दिल तू ही बता
वो हर रात थोड़ी – थोड़ी
मुझसे दूर जा रही हैं.
कोई और भी तो नहीं है
जो मेरी नशों में ऐसा रास घोले
वो तो अब इन नशों में
उतरने से इंकार कर रही हैं.
परमीत सिंह धुरंधर