ट्रम्प और मोदी से नफरत
और गांधी परिवार के प्रति वफादारी में
वो कुछ ऐसे उलझे है
की उन्हें वृद्ध योषादाबेन का दर्द दिखाई पड़ता है
और सुनाई देता है २०१४ से आज तक
हर रात, हर पल.
लेकिन उन्हें अपने ही एक मित्र, साथी
नारी की चीत्कार नहीं सुनाई दी
ना उस रात, ना आज बर्षो बाद.
Dedicated to all PhD colleagues specially females from my institutes.
परमीत सिंह धुरंधर