जब से जवान भइल बारू
धनिया से धान भइल बारू
पहिले धामिन रहलू तू
अब गेहुंअन भइल बारू।
डस अ तारु
खेता – खेता चढ़ के
खलिहान – बथान में
केंचुल छोड़तारु।
परमीत सिंह धुरंधर
जब से जवान भइल बारू
धनिया से धान भइल बारू
पहिले धामिन रहलू तू
अब गेहुंअन भइल बारू।
डस अ तारु
खेता – खेता चढ़ के
खलिहान – बथान में
केंचुल छोड़तारु।
परमीत सिंह धुरंधर