बाँध अ मत ऐसे जोबना ए गोरी
हाहाकार मच गइल बा देख तहार ढोंढ़ी।
आइल बारन छपरा के धुरंधर मैदान में
त आज तहार चोलिया रंगाई ए गोरी।
आरा – बलिया से बच गइलू
मगर आ गइलू नजरिया में
माहिर छपरा के धुरंधर के
त आज छपरा में नकिया छेदाइ ए गोरी।
अभी बाली बा उमर, येही पर त चढ़ी रंग
जतना उड़ेल बारू, उड़ ला
दाना जी भर के चुग ला
त आज पंखिया तहार कटाई ये गोरी।
परमीत सिंह धुरंधर