इतना शौक ना कर, आँखों का ए दिल
तुझको बहलाना फिर मुश्किल हो जाए.
वो घटा हैं सावन की एक
उनका ठहरना कहीं तुझे डुबों ना जाए.
परमीत सिंह धुरंधर
इतना शौक ना कर, आँखों का ए दिल
तुझको बहलाना फिर मुश्किल हो जाए.
वो घटा हैं सावन की एक
उनका ठहरना कहीं तुझे डुबों ना जाए.
परमीत सिंह धुरंधर