राजपुताना की पावन धरती से उठी अब ललकार है
यह दहाड़ है हम सिंहों की, आगे जिसके दिल्ली लाचार है.
बदल के रख देंगें ये अरंकुश, अराजक सत्ता और सत्ताधीशों को
की राजपूतों की लहू में अब भी वही महाराणा सी उबाल है.
परमीत सिंह धुरंधर
राजपुताना की पावन धरती से उठी अब ललकार है
यह दहाड़ है हम सिंहों की, आगे जिसके दिल्ली लाचार है.
बदल के रख देंगें ये अरंकुश, अराजक सत्ता और सत्ताधीशों को
की राजपूतों की लहू में अब भी वही महाराणा सी उबाल है.
परमीत सिंह धुरंधर