कहते हैं की मौसम बदल जाए
तो क्या होगा?
जो चला गया हैं
वो लौट के आएगा क्या?
कहते हैं की शादी वक्त रहते कर लो क्राससा
तो क्या होगा?
वो मेरी महफ़िल में आके नाचेगा क्या?
कहते हैं की सभी सूना रहे हैं
अपनी -अपनी बेगम के किस्से।
मगर किसी ने नहीं कहा
आज माँ-बाप ने भरपेट खाया है क्या?
कहते हैं की मैंने जिंदगी में
कुछ नहीं सीखा
जिसने सीखा, उसे बीबी को
खुश रखना आया है क्या?
कहते हैं की दीवारों के भी कान होते हैं
मगर पडोसी, पडोसी का दर्द समझ पाया है क्या?
Rifle Singh Dhurandhar