कहते हैं की सफर जितना तन्हा है तेरा
उतने ही मजबूत इरादे हैं तेरे
मंजिल तक आते -आते,
महफ़िल में तुझे भी बुलाया जाएगा।
कहते हैं की गैरों की बस्ती में
अगर घर बनाया है
मेहमान तो बहुत होंगे,
अपना कोई भी एक रात न ठहर पायेगा।
कहते हैं खुदा ने भी क्या?
बनाई है जिसे कहते हैं किस्मत?
हर सफलता को मेहनत और
असफलता को किस्मत बताया जाएगा।
कहते हैं की उसने एक घर बसा लिया है
अब कुछ दिनों में उसे मंदिर बताया जाएगा।
कहते हैं की मुझे दर्द में रख तू गम ना कर
तू जो दर्द में आया, मेरा गम छलक जाएगा।
कच्ची हो या पक्की,
सड़क दूरियां मिटाती है
माँ कैसी भी हो, किसी की भी हो
रोते बच्चे को ना देखा जाएगा।
कहते हैं की होश उड़ा देती हैं
उसकी आदाएं, सब्र कर,
जवानी ढलते – ढलते,
उसको भी भुलाया जाएगा।
Rifle Singh Dhurandhar