कहते हैं की धुप में ना निकला करो
जवान बदन है, कुम्हला जाएगा।
ऐसे अनजान सड़क पे ना जाया करो
कोई भौंरा चुम के उड़ जाएगा।
कहते है की वो बचपन था, सुन्दर था,
जब तुम साथ में थे पिता
अब हालात ऐसे हैं, कोई कही से,
कभी भी लंगड़ी लगा जाएगा।
कहते हैं की खुद को संभाल लो
गिर जाने से पहले
भीड़ में अब कौन है?
जो दौड़ के तुम्हे उठाने आएगा।
कहते हैं की अपना दर्द किसी से ना कहो
जमाना फिर तुम्हे पत्थर का नहीं कहेगा।
Rifle Singh Dhurandhar