पुराणों में लिखा एक नाम है
बस मेरे भोलेनाथ का.
जिसे भय ना मायाजाल का
वो भक्त है महाकाल का.
शिव मेरे हैं, शिव मेरे
शिव से मेरा नाता है.
मैं क्या सम्भालूं खुद को?
जब स्वयं शिव मेरा रखवाला है.
स्वयं विराजे है कैलाश पे जो
पर सब पे जिसका ध्यान हाँ.
जिसे भय ना मायाजाल का
वो भक्त है महाकाल का.
जो नित करे विषपान हाँ
वो भक्त है महाकाल का.
जिसे अमृत से प्यारा भाँग हाँ
वो भक्त है महाकाल का.
Rifle Singh Dhurandhar