कौन से मन से पुकारूँ तुम्हे?
बताओ गोविन्द।
जिसमे पीड़ा है, या जिसे तुमसे बाँधा है.
कौन से नयना से निहारूं तुम्हे?
बताओ गोविन्द।
जिसमे अश्क हैं या जिन्हें तुमसे लड़ाया है.
कैसे खुद को सजाऊँ?
बताओ गोविन्द।
चुनर-चूड़ी, जेवर से, या जो पुष्प तुमपे चढ़ाया है.
किस रंग को चढ़ा दूँ चुनर पे अपने?
बताओ गोविन्द।
जो ज़माने ने दिया मुझे, या जो तुमने मुझे लगाया है.
Riffle Singh Dhurandhar