जिस मोड़ से गुजरी है सियासत की नावं
उसी मोड़ से गुजरेगी क़यामत की नावं।
जिन नजरों ने लाइ है ये मोहब्बत की रात
वो नजरे हिन् लाएंगी क़यामत की रात.
वो महात्मा थे जब तक यहाँ थी गैरों की नावं
अपनों ने ही डुबों दी पहले मेरी नावं.
Rifle Singh Dhurandhar
जिस मोड़ से गुजरी है सियासत की नावं
उसी मोड़ से गुजरेगी क़यामत की नावं।
जिन नजरों ने लाइ है ये मोहब्बत की रात
वो नजरे हिन् लाएंगी क़यामत की रात.
वो महात्मा थे जब तक यहाँ थी गैरों की नावं
अपनों ने ही डुबों दी पहले मेरी नावं.
Rifle Singh Dhurandhar