है जिंदगी कितनी खूबसूरत अभी इन्हे पता नहीं है
पिता के पथ के पत्थरों का जिन्हे अभी तक पता नहीं है.
आँखों की जिनकी मीठी नींद को माँ कई रात सोइ नहीं है.
माँ के चरणों में जिन्होंने सर अभी तक झुकाया नहीं है.
है जिंदगी कितनी खूबसूरत अभी इन्हे पता नहीं है.
क्या लिखें शब्दों में तुम्हे, आँखों ने तुम्हारे बाद कोई देखा नहीं है?
प्यासे हैं वो ही अधर, जिन्होंने शिव भांग आपका चखा नहीं है.
है जिंदगी कितनी खूबसूरत अभी इन्हे पता नहीं है.
RSD