हुस्न जब भी मिला उनका एक नशा सा छा गया
बेवफा ही सही वो, मगर मजा तो दे गया.
अधरों को अधरों पे टिका कर, वो बहुत कुछ सीखा गया
वक्षों तक आते-आते, वो खंजर भी उतार गया.
RSD
हुस्न जब भी मिला उनका एक नशा सा छा गया
बेवफा ही सही वो, मगर मजा तो दे गया.
अधरों को अधरों पे टिका कर, वो बहुत कुछ सीखा गया
वक्षों तक आते-आते, वो खंजर भी उतार गया.
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