वो अलग लोग थे जो भेजते थे बादलो से पैगाम
ये हम हैं जो हरे पत्ते पे लिख देते हैं तेरा नाम
तू जब जुल्फों को बांधे इनके फूलों से तो ये गुनगुना दें
तेरे कानों में धीरे से कैसे गुजरती है तेरे बिना मेरी शाम.
RSD
वो अलग लोग थे जो भेजते थे बादलो से पैगाम
ये हम हैं जो हरे पत्ते पे लिख देते हैं तेरा नाम
तू जब जुल्फों को बांधे इनके फूलों से तो ये गुनगुना दें
तेरे कानों में धीरे से कैसे गुजरती है तेरे बिना मेरी शाम.
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