शोहरत पे वो चुनते हैं साथी,
कीमत लगा – लगा के.
और फिर ताउम्र रोते हैं,
उनको बेवफा बता के.
परमीत सिंह धुरंधर
The hotcrassa ia about me, my poems, my views, my thinking and my dreams.
शोहरत पे वो चुनते हैं साथी,
कीमत लगा – लगा के.
और फिर ताउम्र रोते हैं,
उनको बेवफा बता के.
परमीत सिंह धुरंधर