कलेजा चीर देहलू तू ऐसे मुस्का के,
अब धोती मत फाड़ दअ, देह – से देह लगाके।
सारा थाती चल गइल,
ई दाल 250 रुपया किलो खरीदे में,
अब साड़ी मत मांगे लगियह,
करवा – चौथ आ दिवाली तू बता के.
परमीत सिंह धुरंधर
The hotcrassa ia about me, my poems, my views, my thinking and my dreams.
कलेजा चीर देहलू तू ऐसे मुस्का के,
अब धोती मत फाड़ दअ, देह – से देह लगाके।
सारा थाती चल गइल,
ई दाल 250 रुपया किलो खरीदे में,
अब साड़ी मत मांगे लगियह,
करवा – चौथ आ दिवाली तू बता के.
परमीत सिंह धुरंधर