दिया जलाने के लिए उसकी लौ को हाथो से ढकना होता है और दुनिया से अलग करना होता है.
परमीत सिंह धुरंधर
दिया जलाने के लिए उसकी लौ को हाथो से ढकना होता है और दुनिया से अलग करना होता है.
परमीत सिंह धुरंधर
चाँद मिल जाए तो फिर,
ताउम्र काट जाए चांदनी में.
पर मेरी मान,
रोज नया दिया जलाने में भी नशा है.
परमीत सिंह धुरंधर