हमसे बोलो
तुम्हे क्या चाहिए?
तुम पुत्र मेरे हो
तुम्हे ला के हम देंगें।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय क्या है?
पुत्र तुम्हारे लिए
काल से भी हम टकरायेंगे।
पाकर तुम्हे प्रफुलित मन है
विराट होने का यही क्षण है
नस – नस में तुम्हारे
लहू है मेरा
नस – नस को तुम्हारे तृप्त करेंगे।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय क्या है?
पुत्र तुम्हारे लिए
काल से भी हम टकरायेंगे।
अधूरा है आनंद का हर एक पल
जो मुस्कान न हो तुम्हारे मुख पे
चल कर खुद काँटों पे
पुत्र तुम्हारे लिए
हम हर पुष्प खिलायेंगे।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय क्या है?
पुत्र तुम्हारे लिए
काल से भी हम टकरायेंगे।
धुरंधर – सुशीला के
लाल हो तुम
तुम्हें यूँ तो व्याकुल
नहीं देख पायेंगे।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय क्या है?
पुत्र तुम्हारे लिए
काल से भी हम टकरायेंगे।
भीषण होगा युद्ध
और वृद्ध हम होंगे
तब भी समर में
पुत्र तुम्हे
अकेला तो नहीं भेजेंगे।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय क्या है?
पुत्र तुम्हारे लिए
काल से भी हम टकरायेंगे।
प्रिये हो तुम पुत्र, अति हमें
ये प्यार किसी और को
तो हम फिर ना दे पायेंगे।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय क्या है?
पुत्र तुम्हारे लिए
काल से भी हम टकरायेंगे।
In the memory of my father Dhurandhar Singh.
परमीत सिंह धुरंधर