धरती भारत की


जहाँ गंगा की हर धार में,
खेलती है जवानी,
वो धरती है भारत की,
जहाँ वीर हुए बलिदानी।
जहाँ शंकराचार्य ने,
वेद गढ़े,
और नानक ने,
दिए गुरुवाणी।
वो धरती है भारत की,
जहाँ वीर हुए बलिदानी।
जहाँ पहन केशरिया,
भगत सिंह, निकले दुल्हन लाने,
और जीजा बाई ने दी,
शिवा जी को शिक्षा अभिमानी।
वो धरती है भारत की,
जहाँ वीर हुए बलिदानी।

परमीत सिंह धुरंधर 

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