जॉन एलीआ


जॉन एलीआ को पढ़ती हैं वो भी
जॉन एलीआ को पढता हूँ मैं भी.
जॉन एलीआ सदमे मैं है
फिर क्यों नहीं हम बने जीवनसाथी?
गंगा की मौजों सी वो भी
गंगा की मौजों सा मैं भी
गंगा खुद सदमे हैं है
फिर क्यों नहीं हुए हम हमराही?
लहू क्षत्राणी का उनमे भी
लहू क्षत्राणी का मुझमे भी
मेवाड़ की धरती सदमे में है
फिर कैसे जुदा हो गयी राहें इनकी।

RSD