तुम लिए जा रही जवानी, यूँ दुप्पट्टा डाल के.
हम कैसे जियेंगे रानी, बिना तुम्हे देखें?
अंग-अंग से गदराई हो, जैसे सावन की बदली,
हम कैसे जियेंगे रानी, बिना इनमे भींगें?
RSD
तुम लिए जा रही जवानी, यूँ दुप्पट्टा डाल के.
हम कैसे जियेंगे रानी, बिना तुम्हे देखें?
अंग-अंग से गदराई हो, जैसे सावन की बदली,
हम कैसे जियेंगे रानी, बिना इनमे भींगें?
RSD
डूबा हुआ हूँ इस कदर तेरी निगाहों में
की अब बस घुल जाने की तमनन्ना है.
किस कम्बख्त को किनारा चाहिए यहाँ?
अब तो बस लहरों पे घर बनाने की तमन्ना है.
RSD
कई फैसले जिंदगी के रुलाते हैं हर घडी
ना कोई सुकून हैं, ना कोई मंजिल ही.
इंसान को हर पल में सोचना है यही
की कितनी प्यास है और कितना पीना है जरुरी?
ता उम्र मैं भागता रहा जिन चाहतों के पीछे
पाकर उनको भी प्यास मिटती तो नहीं।
ए खुदा क्या लिखी है किस्मत मेरी?
हर दर्द की दवा है, बस मेरे ही दर्द की नहीं।
मुस्करा रहा है वो आज भी मुझे ही देख कर
की वक्त के साथ हालात मेरे बदलते ही नहीं।
हुस्न की वेवफाई पे कितना लिखूं ?
एक रात के बाद वो पहचानता भी नहीं?
कस्मे-वादे पे ना जाइये इनके, इनके आँचल में,
फरेब के आलावा कुछ मिलता भी नहीं।
क्या सोच कर हुस्न को बनाया था खुदा, ये बताना कभी?
जिस दर्द में हम जी रहे हैं, क्या उसे उठाया है कभी?
RSD
माँ की ममता और पिता का दुलार,
संसार में बस ये ही दो हैं भगवान्।
फिर भी मन भटकता है, कितनो के द्वार
बस पाने को जीवन में प्यार।
माँ की ममता और पिता का दुलार,
संसार में बस ये ही दो हैं भगवान्।
ये ही मेरे शिव हैं, ये ही मेरे विष्णु
इनकी चरणों में हैं चरों मेरे धाम.
माँ की ममता और पिता का दुलार,
संसार में बस ये ही दो हैं भगवान्।
और किसने लुटाये हंस-हंस के अपने स्वप्न
और कर दी तुमपे अपनी खुशियाँ निसार।adher
RSD
हे ग़ालिब, उनके हुस्न पे तुम क्या लिख रहे हो?
जो भी लिख रहे हो, मेरा दिल लिख रहे हो.
जानता शहर है की जीना है मुश्किल।
मेरे इस दर्द को ही तुम दवा लिख रहे हो.
हे ग़ालिब, उनके हुस्न पे तुम क्या लिख रहे हो?
जो भी लिख रहे हो, मेरा दिल लिख रहे हो.
कैसे हाँ ढूँढू अब कोई रास्ता
मेरी हर राह पे तुम उनका घर लिख रहे हो.
RSD
सुन्दर-सुन्दर सी धरती पे
तू सुन्दर-सुन्दर सी है.
निकले जब तू बन-ठन के
बजती सबके दिल की है.
छोड़ दे तू चूल्हा -चौकी
और चिंता पैसों की.
मेरी नजर में रानी
तू तो मेरी बिटकॉइन सी है.
Rifle Singh Dhurandhar
ये फैसले जिंदगी के
ये रास्ते जिंदगी में
सब हैं बस, बिछुड़ने के वास्ते.
क्या पा रहा है कोई?
क्या बना रहा है कोई?
इन प्रश्नो की राह में
उलझने के वास्ते।
थक कर भी चल रहा
गम में भी हंस रहा
हो रहा जग से दूर
पर जग के ही वास्ते।
Rifle Singh Dhurandhar
जाने कैसी यादों का दर्द लिए बैठा हूँ?
महफ़िल है सजी, सजी महफ़िल में अश्क लिए बैठा हूँ.
तुम तो चले गए पिता, छोड़ अकेला मुझे दुनिया में
फिर भी अकेले ही इस दुनिया से जंग ठाने बैठा हूँ.
Rifle Singh Dhurandhar
तेरी-मेरी आँखों में एक इशारा हो जाए
तेरा जो रंग है वो मेरा हो जाए.
कुछ और नहीं माँगा है रब से मैंने
बस तेरे-मेरे दिल का याराना हो जाए.
Rifle Singh Dhurandhar
नहीं धरा पे कभी-कहीं, कोई लिए रूप हां तुम सा हो
बनो तुम ही बस मेरी प्रियसी, या फिर जीवन बंजारा हो.
अधरों पे मेरे गिरे अमृत तो बस तुम्हारी अधरों से
या रह जाए अटल प्यास मेरी, या फिर तेरे वक्षों का सहारा हो.
Rifle Singh Dhurandhar