काली लटें


काली लटों से ना यूँ खेला करों,
पास आये हो तो थोड़ा कह भी जाया करो.
मिलते हैं रोजाना इनसे खेलने वाले,
पहलु में आये हो तो सो भी जाया करो.
काली लटों से ना यूँ खेला करों,
पास आये हो तो थोड़ा कह भी जाया करो.
बसे हैं कितने यहाँ मुझे छूने वाले,
तुम तो दिल को मेरे बसा जाया करो.
जिस्म मेरा गोरा पर दिल अंधेरो में है,
चहकते हो इतना कभी धडकनों को मेरे चहकाया करो.
मेरा क्या है परमित, एक दिन तुझे मिटा दूंगी,
उसके पहले ही ईद-दीपावली मनाया करो.

योवन के झूले


कहाँ से चली हो,
कहाँ तक चलोगी,
जरा बतला दो न.
खुली-खुली लट है,
चंचल चितवन है,
आँचल के बोझ को,
इसपे से अब हटा दो ना.
खिला खिला अंग है,
उभरता बदन है,
अपने योवन के झूले में,
मुझको भी झुला दो ना.

माँ


सब छोड़ गये मुझको,
जिस मोड़ पे आके हाँ,
बस एक माँ ने लगा के रखा है,
मुझको सीने से अपने हाँ.
सब कुछ लुटा के अपना,
जब रह गया खाली हाँथ,
बस एक माँ ने लगा के रखा है,
मुझको सीने से अपने हाँ.
कितनो को तोडा है,
कितनो को मोड़ा है,
सब भूल गये हमको,
जिस मोड़ पे आके हाँ,
बस एक माँ ने लगा के रखा है,
परमित सीने से अपने हाँ.