तुमसे आगे कौन?


तुम्ही वशिष्ठ, तुम्ही नारायण
तुमसे आगे कौन?
वृहस्पति का आशीष तुम्हे
फिर तुमसे आगे कौन?
धरा भी विचलित हो जाती थी
जब अँगुलियों में कलम खेलती थी
अब जाने गलत हो जाए प्रमेय कौन?

बाल – क्रीड़ा में, साइंस -कॉलेज में
एक से एक उदण्ड
उनमे तुम प्रखर ऐसे
जैसे अम्बर पे मार्तण्ड।
तुमसे मिल कर केली भी ऐसे
विस्मित -वशीभूत
की ज्ञान के इस सागर का
मोल लगाए कौन?
ऐसे ही लाल से, माँ होती है धन्य
अब कहाँ, किसपे ममता लुटाये कौन?

My tribute to the great mathematician of Bihar late Vashishtha Narayan Singh.

परमीत सिंह धुरंधर

ये चुनाव और वोट भी आपका अपना दोस्तों


ये लड़ाई है हमारे अधिकारों की,
हमारे मांगों की, हमारे अरमानों की,
पांच साल में आता है ये मौका दोस्तों,
देखो फिर ये मौका न इसे गवाना दोस्तों।
साक्षर तो हैं अब सभी,
पर सबको सजग बनना है.
सीमा के प्रहरी सा अब,
सबको अटल बनना है.
जात – पात और धर्म में बांधकर,
फिर न पीछे पछताना दोस्तों।
देखो फिर ये मौका न इसे गवाना दोस्तों।
अब जब बिटिया निकले और बहने सड़क पे,
तो उनका आँचल लहराए।
ना उनके ह्रदय में भय हो,
ना उनकी आँखे झुकीं हों,
ऐसा शासक – सुशासक है लाना दोस्तों,
की किसी ऐसे को ना बिठा दो इस ताज पे,
फिर बहनों को पड़े घूँघट करना दोस्तों।
पांच साल में आता है ये मौका दोस्तों,
देखो फिर ये मौका न इसे गवाना दोस्तों।
मेरा काम है आपको समझाना दोस्तों,
ये धरती आपकी, ये गावं आपका,
ये चुनाव और वोट भी आपका अपना दोस्तों।
तो सोच लो, समझ लो,
विचार कर लो,
किस – किस को हैं चुनना,
और किस को है हराना दोस्तों।
पांच साल में आता है ये मौका दोस्तों,
देखो फिर ये मौका न इसे गवाना दोस्तों।

This is to explain the important of  election. People should give importance to this as they give for their religion.

परमीत सिंह धुरंधर

केजरीवाल की सहायता से लालू राज लाएंगे


लालू राज लाएंगे, लालू राज लाएंगे,
केजरीवाल की सहायता से, लालू राज लाएंगे।
खोखला अहंकार को स्वाभिमान बता रहें,
ये केजरीवाल जी हैं, भैंस को गाय बता रहें।
फिर मिल बैठ के संग सब चारा खाएंगे।
केजरीवाल की सहायता से, लालू राज लाएंगे।
चाहे राबड़ी जी बैठे, या सत्ता पे नितीश जी,
जनता की तिजोरी में चूना फिर लगाएंगे।
केजरीवाल की सहायता से, लालू राज लाएंगे।

परमीत सिंह धुरंधर