अपने देश में मिट्टी की खुशबू सिर्फ बरसात के बात होती है. परदेश में बिना बरसात, बिना चूल्हा जले ही अपने देश की मिट्टी की खुशबू आती रहती है.
परमीत सिंह धुरंधर
The hotcrassa ia about me, my poems, my views, my thinking and my dreams.
अपने देश में मिट्टी की खुशबू सिर्फ बरसात के बात होती है. परदेश में बिना बरसात, बिना चूल्हा जले ही अपने देश की मिट्टी की खुशबू आती रहती है.
परमीत सिंह धुरंधर
वसूलों में बंध के सागर भी खरा बन गया. मीठा बंनने के लिए आवारापन जरुरी है दोस्तों।
परमीत सिंह धुरंधर
जिंदगी छोटी ही सही, मगर खोटी नहीं होनी चाहिए।
परमीत सिंह धुरंधर